The Ultimate Guide To Shodashi

Wiki Article



The murti, which is also found by devotees as ‘Maa Kali’ presides about the temple, and stands in its sanctum sanctorum.  Here, she is worshipped in her incarnation as ‘Shoroshi’, a derivation of Shodashi.

Numerous fantastic beings have worshipped elements of Shodashi. The good sage, Sri Ramakrishna, worshiped Kali in the course of his full lifestyle, and at its end result, he paid homage to Shodashi via his have wife, Sri Sarada Devi. This illustrates his greatness in observing the divine in all beings, and especially his lifetime husband or wife.

देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥

From the context of electricity, Tripura Sundari's natural beauty is intertwined along with her energy. She's not simply the symbol of aesthetic perfection and also of sovereignty and overcome evil.

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

हस्ताग्रैः शङ्खचक्राद्यखिलजनपरित्राणदक्षायुधानां

लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः

This Sadhna evokes innumerable strengths for all round financial prosperity and stability. Enlargement of business enterprise, identify and fame, blesses with very long and prosperous married lifestyle (Shodashi Mahavidya). The outcomes are realised instantaneously once the accomplishment from the Sadhna.

लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु here श्रियम् ॥१७॥

, form, by which she sits atop Shivas lap joined in union. Her attributes are unrestricted, expressed by her five Shivas.  The throne upon which she sits has as its legs the five varieties of Shiva, the renowned Pancha Brahmas

The Mahavidyas, a group of ten wisdom goddesses, showcase the multifaceted character of the divine feminine. Tripura Sundari is probably the ten Mahavidyas and is assessed inside the mild natured goddesses, coupled with Bhuvaneshwari, Matangi, and Kamala.

Report this wiki page